माँ की मौजूदगी से महका रहता सदा जीवन का गुलशनतेरे होते कैसे पूजूं में किसी और देव कोआकर माँ की कोख में, जिंदगी की शुरुआत हंसती है जब जब �… Read More
औलाद की छोटी से छोटी चोट पर माँ, हजारों मोती बहातीजिसकी चाह में भटके फरिश्तें, तू ही तो वो अरदास हैजो बचाता धरा पर जीवन को, माँ तो वो वरदा… Read More
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसेमैं शिव की प्रतिमा बन बैठूं, मंदिर हो यह मधुशाला।।१९।कहा करो 'जय राम' न मिलकर, कहा करो 'जय मधुशाला'�… Read More
बचपन में एक कव्विता पढ़ी थी जो अब याद नहीं रही .हिम श्रेणी अंगूर लता-सी फैली, हिम जल है हाला,पीड़ा में आनंद जिसे हो, आए मेरी मधुशाला।।१४।�… Read More
दो दिन ही मधु मुझे पिलाकर ऊब उठी साकीबाला,दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला।।२६।घरों पर नाम थे नामों के साथ ओहदे थे बहुत तलाश … Read More